शनिवार, 4 अप्रैल 2015

तामीर वाले हाथ

ये दुनिया
नज़्म है एक
या कोई ग़ज़ल
या फिर सुरीला गीत
नही जनाब,
यह दरअसल 
चंद मज़लूम हाथों की
बनाई इक तस्वीर है
तस्वीर जिसमें
बनाने वालों ने
बजाये रंग के
मिलाया है अपना लहू
और फिर अपनी हड्डियों के 

फ्रेम वाले कनवास पर

सजाकर मानिंद ए वरक़
इसे किस जतन से बनाया है
इन तामीर करने वाले हाथों ने
इसे क्या खूब सजाया है

~इमरान~

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