रविवार, 14 जून 2015

सूखे आंसू

आँखों से निकलते हैं
सूखे आंसू अक्सर
और इन
सूखे आंसुओ में
होता है कई
मलाल हमेशा
मलाल किसी को
समझ न पाने का
तो कभी
समझ के भी
दूर चले जाने का
दर्द करता रहता है
तवाफ़ मेरा अक्सर
लेकिन मक़ाम इसका
मुझे होता नही मालूम
गिले शिकवे भी
रहते हैं इनमे
कसरत से
कुल मिलाके
नज़ारा खुद के ये
आईने का होता है
ये आइना भी
ज़रूरी है देखना इतना
बगैर देखे इसके
निकल सकते नही
बाहर घर के

~इमरान~

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