मंगलवार, 9 जून 2015

कैसी साहिब से रवादारी है

जो सुरक्षा श्रेणियाँ और सुविधाएं आज संघ परिवार और उससे जुड़े लोगों को मिल रही हैं वो कल तक गांधी परिवार एन्ड कंपनी को मिलती थीं,
जो आर्थिक नीतियां मनमोहन सरकार द्वारा तय की गयी थीं और जिन्हें वो ज़ख्म पर फूंक फूंक कर कुरेदने की मानिंद गरीब जनता पर लाद रहे थे आज उन्ही नीतियों को निर्ममता और बेदर्दी से नमक लाल मिर्च छिड़क के मोदी आगे बढ़ा रहे हैं ।
मेहनतकश उत्पादक तबका उस वक़्त भी वंचित और शोषित था आज भी है,कुछ लोग हैं जो अब इतना हल्ला मचा रहे हैं पिछले दस साल तक उनके राजनैतिक पूर्वाग्रहों ने उनके मुँहों पर लिंक लॉक के मज़बूत ताले डाले हुए थे..
खैर अभी तो महज़ एक साल हुआ है इस सरकार को,अभी तो आँख से खून के आंसू निकलना बाकी हैं।
इन सबके बीच "भक्तजन" आज भी हर हर मोदी ही कर रहे हैं, ठीक उसी तरह जैसे दस साळ आप लोग सोनिया जी राहुल जी ज़िंदाबाद करते रहे थे ।
बहरहाल सुबह बखैर की विश के साथ इक ताज़ा ताज़ा अभी लिखा चार मिसरा आपकी नज़र करते हैं....मेंथी के परांठे तैयार हैं आप इसे पढ़िए हम अभी आये ।
कैसी साहेब से रवादारी है
सिलसिला ए अश्क़ दिल से जारी है
फिर भी खामोश मुस्कुराता है
क्या गज़ब तेरी वफादारी है
~इमरान~

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