ज़िन्दगी के मोड़ों पर,
ठहराव नही होते,
ये ले जाती है,
हमको दरबदर हर सूँ,
कहीं वफ़ा की तलाश,
तो कहीं प्यार के लिए,
कहीं खो जाता है दिल,
कैसे तस्कीन के लिए,
वजह बस ये है,
हम नामुकम्मल इंसान,
खोजने निकले है जो,
किसी तकमील के निशां,
होते खुद हैं,
अधूरे लेकिन,
खोजते फिरते हैं
कामिल इंसान....
~इमरान~
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