गुरुवार, 21 मई 2015

खामोश मुहब्बत

आसान क्या है ?
इस दुनिया में,
सबसे आसाँ अगर,
कुछ है तो बस,
खामोश हो जाना
उसी ख़ामोशी में,
बिन कहे
सब कह जाना
सबसे आसाँ है
अल्फ़ाज़ों के बिना
एक अजब ही
अनकही अनसुनी सी
मन को
गुदगुदा देने वाली
कोई इंतेहाई हसीं सी
नज़्म लिख जाना
इस जहाँ में
सबसे आसान
बस यही है साथी
बिना अल्फ़ाज़ों के
इक खामोश सी
मुहब्बत कर जाना....

~इमरान~

1 टिप्पणी:

  1. अति सुन्दर रचना इमरान जी...आपकी लेखनी में वाक़ई जादू है

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