शनिवार, 6 दिसंबर 2014

मंदिर वहीँ बनायेंगे

सुन ले ओ भगवन,
ओ सबसे बलवान,
वही पुरानी तान,
फिर अयोध्या आएंगे
मन्दिर वहीँ बनाएंगे,
तारीख़ नहीं बताएँगे,
आंदोलन करवाएंगे,
अदालतें बिठवायेंगे,
हम दंगे करवाएंगे,
चुनाव जीते जायेंगे,
चन्दा जमा करवाएंगे,
महल अपने बनवायेंगे,
टाइल्स विदेशी लगवाएंगे,
खूब शिलाएं लाएंगे,
उनसे अपने मकां बनवाएंगे,
तुम चिंतित बिलकुल मत होना,
तम्बू में आराम से सोना,
टाट का ले लेना बिछौना,
बिन बिजली अँधेरे में जीना,
दूध नहीं है पानी पीना,
हम तो संसद बसाएंगे,
मंत्री बने बनाएंगे,
दिल्ली में छा जाएंगे,
काला धन न लाएंगे,
मुर्ख जनता को बनाएंगे,
तुम शांति से प्रतीक्षा करो,
मायूसी पे न कान धरो,
ये काम तो निपटा लें पहले,
तिजोरियां खाली हो गयीं फिर,
इनको तो भर लें हम पहले,
बाद में तेरी सोचेंगे,
तब तक ये आश्वासन ले लो,
उम्मीद का एक वादा ले लो,
अच्छे दिन की आसा ले लो,
मन में तुम भी सपना रख लो,
दिल से कहते हैं ये बात
फिर एक बार फिर एक बार,
सुन लो मेरी जान लला,
जनमन के भगवान लला
ओ रामलला हम आएंगे,
मंदिर वहीँ बनाएंगे....

~इमरान~

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